TA और DA क्या है? इसका हिंदी और इंग्लिश मीनिंग क्या होता है ? TA और DA का फुल फॉर्म क्या होता है ये सब आज इस पोस्ट में मैंने निचे समझाया है।
TA ka full Form kya hai?
TA का फुल फॉर्म ट्रेवलिंग अलाउंस (Travelling Allowance) होता है। जिसे हम हिंदी में यात्रा भत्ता भी कहते है। अगर आप कही पे नौकरी कर रहे है चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट तो आपको TA और DA का मतलब समझना जरुरी है। TA का English meaning Travelling Allowance होता है। जबकि इसका हिंदी मीनिंग यात्रा भत्ता होता है।
Travelling Allowance किसे कहते है।
जब कोई कंपनी अपने किसी कर्मचारी या एम्प्लॉय को कंपनी के काम से कही दूसरे जगह भेजती है तो उसके खर्चे के लिए जो पैसा यात्रा करने के दौरान उस कर्मचारी को दिया जाता है उसे Travelling Allowance कहते है। आसान भासा में बोले तो ट्रैवेलिंग अलाउंस वो अमाउंट है जो की एक कंपनी का कर्मचारी अपने पर्सनल काम के लिए खर्च करता है। जैसे की दूसरे सहर में रहने के लिए होटल का किराया, खाने का पैसा, और उस काम को पूरा करना जिसके लिए वो दूसरे सहर में गया है। उसमे जितना पैसा लगता है। ये सारा अमाउंट को जोर के जो भी खर्च होता है वो उसे कंपनी देती है। जिसे हम लोग ट्रैवेलिंग अलाउंस कहते है।
DA ka full Form kya hai?
का फुल फॉर्म डीअरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) होता है जबकि इसका हिंदी मीनिंग (hindi meaning) महंगाई भत्ता होता है। डेअरनेस अलाउंस हर साल बदलता रहता है। ये सरकार के द्वारा दिया जाने वाला एक अलाउंस है जो की देश में महगाई बढ़ने या घटने पे मिलता है। चलिए इसे अच्छे से समझते है उद्धरण के साथ।
Dearness Allowance kya hota hai? DA का मतलब
डीअरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) वो अलाउंस है जो की (Central Government) सेंट्रल गवर्नमेंट अपने एम्प्लॉय को देती है। डीअरनेस अलाउंस हल साल बदलती रहती है। अगर आसान भासा में बोले तो डीअरनेस अलाउंस जिसे हिंदी में ''महगाई भत्ता'' भी कहते है ये वो पैसा है जो की सेंट्रल गवर्नमेंट अपने कर्मचारी को महगाई बढ़ने के कारन हर साल उसके सैलरी के आलावा देती है।
डीअरनेस अलाउंस एक कर्मचारी की सैलरी का कुछ प्रतिसत होता है। ये आपकी सैलरी का 2%, 4% या 3% कितना भी हो सकता है। डीअरनेस अलाउंस किसी एम्प्लॉय को कितना मिलेगा ये सेंट्रल गवर्नमेंट तय करती है। हर साल सेंट्रल गवर्नमेंट एक fixed percentage में अपना डीअरनेस अलाउंस तय करती है। इस अलाउंस को कर्मचारी के पोस्ट के हिसाब से तय की जाती है।
चलिए डीअरनेस अलाउंस को एक उद्धरण से समझते है। अगर आपको एक सरकारी नौकरी या कोई प्राइवेट नौकरी लगती है। तो आपको हर महीने सैलरी मिलेगी। मान लीजिये आपको 20 हजार महीना वाला नौकरी लगी है। कुछ समय बाद या कुछ महीने बाद उस 20 हजार रुपए की वैल्यू उतनी नहीं रहेगी जितनी उस टाइम पे थी जिस टाइम पे आपकी नौकरी लगी थी। तो सरकार ने इस महगाई बढ़ने की समस्या से कर्मचारी को महगाई का सामना न करना परे इसलिए उन्होंने महगाई भत्ता को लाया। जिसे हम लोग डीअरनेस अलाउंस कहते है और मान लीजिये Dearness Allowance Central Government ने 2% प्रतिसत तय किया है। तो अब उस कर्मचारी को हर महीने 20 हजार 400 रूपये मिलेंगे।
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